इस अंधेरे में कहाँ ताज़ा ख़याल आएगा

By aamir-azherOctober 4, 2024
इस अंधेरे में कहाँ ताज़ा ख़याल आएगा
चाँद निकलेगा तो दरिया में उछाल आएगा
बैठिए आप कि मुझ से नहीं बैठा जाता
इस तवक़्क़ो' पे कि पानी में उबाल आएगा


जाते जाते ही ज़माने की रविश जाएगी
आते आते ही उन्हें मेरा ख़याल आएगा
इस लिए बैठा हूँ मैं सत्ह पे बे-ख़ौफ़ हुज़ूर
मुझ को मा'लूम है किस सम्त से जाल आएगा


आह उट्ठेगी तो रह रह के उठेगी 'आमिर'
काम ऐसा है कि कर कर के कमाल आएगा
11065 viewsghazalHindi