इश्क़ इल्ज़ाम भी तो होता है

By safi-aurangabadiNovember 15, 2020
इश्क़ इल्ज़ाम भी तो होता है
ये बुरा काम भी तो होता है
दोस्ती कुछ मुझी को तुम से नहीं
ये मरज़ आम भी तो होता है


नहीं तकलीफ़ ही मोहब्बत में
उस में आराम भी तो होता है
वा'दा करने में फिर तअम्मुल क्या
हाँ तुम्हें काम भी तो होता है


रात-दिन दर्द ही नहीं रहता
दिल को आराम भी तो होता है
नशा-ए-हुस्न और फिर कब तक
बादा-ए-ख़ाम भी तो होता है


नाम पर तेरे क्यूँ न आता प्यार
प्यार का नाम भी तो होता है
क्या तअ'ज्जुब जो हो विसाल में वस्ल
काम में काम भी तो होता है


ऐ 'सफ़ी' आशिक़ी की ये तारीफ़
और अंजाम भी तो होता है
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