इतना देखा चलते चलते
By syed-ahsan-javedNovember 22, 2020
इतना देखा चलते चलते
राख हुआ घर जलते जलते
आना है तो आ भी जाओ
शाम ढलेगी ढलते ढलते
मंज़िल अपनी दूर है लेकिन
मिल जाएगी चलते चलते
शम्अ ने परवानों के ग़म में
रात गुज़ारी जलते जलते
आँखों में जितने आँसू थे
मोती बन गए ढलते ढलते
'अहसन' क्यूँ तुम ग़म खाते हो
ग़म तो टलेंगे टलते टलते
राख हुआ घर जलते जलते
आना है तो आ भी जाओ
शाम ढलेगी ढलते ढलते
मंज़िल अपनी दूर है लेकिन
मिल जाएगी चलते चलते
शम्अ ने परवानों के ग़म में
रात गुज़ारी जलते जलते
आँखों में जितने आँसू थे
मोती बन गए ढलते ढलते
'अहसन' क्यूँ तुम ग़म खाते हो
ग़म तो टलेंगे टलते टलते
98046 viewsghazal • Hindi