जब जब उस को यार मनाना पड़ता है

By ali-sajidJune 2, 2024
जब जब उस को यार मनाना पड़ता है
सुर्ख़ लबादा ओढ़ के जाना पड़ता है
तुम मेरी सोचों पर क़ब्ज़ा रखते हो
तुम से मुझ को 'इश्क़ निभाना पढ़ता है


हम जैसों को वहशत तब अपनाती है
इक चौखट पे शीश झुकाना पड़ता है
वो जब फूल से वज्द में जा टकराती है
फिर गुलशन को होश में लाना पढ़ता है


उस लड़की के 'साजिद' 'साजिद' कहने पर
अब कॉलेज भी वक़्त पे जाना पड़ता है
25491 viewsghazalHindi