जब निकले राय-शुमारी को

By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
जब निकले राय-शुमारी को
तो ठेस लगी ख़ुद्दारी को
हम वो नादाँ हैं जिन से कभी
ख़तरा था तिरी हुश्यारी को


अब किस से कहें इन गलियों में
आए थे वक़्त-गुज़ारी को
क्या सच की मजाल कि रद कर दे
इक झूठ की दा'वे-दारी को


ये सूट ये टाई ख़ैर तो है
क्या समझें इस तय्यारी को
16765 viewsghazalHindi