जब साहिल का धोका साहिल हो जाता है
By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
जब साहिल का धोका साहिल हो जाता है
पार उतरना और भी मुश्किल हो जाता है
इक दिन इतनी भीड़ जुटा लेती है शोहरत
अपना क़ातिल उस में शामिल हो जाता है
मौत के दिन से क्यों डरता था यूँ डरता था
जिस को देखो घर में दाख़िल हो जाता है
कोई भी अच्छी बात यहाँ बस कान में कहना
बीमारों को मरना मुश्किल हो जाता है
ये महरूमी और तरह की महरूमी है
सब कुछ वक़्त से पहले हासिल हो जाता है
सारी हक़ीक़त खुल जाती है दानाई की
जिस दिन इक गुमराह मुक़ाबिल हो जाता है
पार उतरना और भी मुश्किल हो जाता है
इक दिन इतनी भीड़ जुटा लेती है शोहरत
अपना क़ातिल उस में शामिल हो जाता है
मौत के दिन से क्यों डरता था यूँ डरता था
जिस को देखो घर में दाख़िल हो जाता है
कोई भी अच्छी बात यहाँ बस कान में कहना
बीमारों को मरना मुश्किल हो जाता है
ये महरूमी और तरह की महरूमी है
सब कुछ वक़्त से पहले हासिल हो जाता है
सारी हक़ीक़त खुल जाती है दानाई की
जिस दिन इक गुमराह मुक़ाबिल हो जाता है
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