जगह दे दो ज़रा सी देखने को

By hamida-shahinOctober 31, 2020
जगह दे दो ज़रा सी देखने को
मिरी आँखें हैं प्यासी देखने को
उन्हें आने दो मेरे आइने तक
जो आए हैं उदासी देखने को


तिरी पूजा को आया है ज़माना
तिरी ये एक उदासी देखने को
तअ'फ़्फ़ुन है रुकावट है घुटन है
यहाँ है बस निकासी देखने को


सड़क हो घर हो या दीवार-ए-ख़ल्वत
वही मंज़र है बासी देखने को
यहाँ सब पारसा बिन पारसा हैं
नहीं है कोई आसी देखने को


कसी ने कुछ नहीं देखा अभी तक
लगी है भीड़ ख़ासी देखने को
18146 viewsghazalHindi