जगमगाते हुए नगीनों ने
By rana-khalid-mahmood-qaiserFebruary 28, 2024
जगमगाते हुए नगीनों ने
दर्द पैदा किया हसीनों ने
मेरी बस्ती को कर दिया वीराँ
शहर आबाद के मकीनों ने
साफ़ निकला हूँ कू-ए-जानाँ से
मार डाला तमाश-बीनों ने
कितने सैलाब डूब जाने पर
ग़र्क़-ए-दरिया किए सफ़ीनों ने
हसरतों के वक़ार को तोड़ा
बज़्म-ए-आदाब के क़रीनों ने
'अज़्मत-ए-दर 'अज़ीम है लेकिन
नाम पैदा किया जबीनों ने
आज़माइश के वास्ते 'क़ैसर'
आइना ले लिया हसीनों ने
दर्द पैदा किया हसीनों ने
मेरी बस्ती को कर दिया वीराँ
शहर आबाद के मकीनों ने
साफ़ निकला हूँ कू-ए-जानाँ से
मार डाला तमाश-बीनों ने
कितने सैलाब डूब जाने पर
ग़र्क़-ए-दरिया किए सफ़ीनों ने
हसरतों के वक़ार को तोड़ा
बज़्म-ए-आदाब के क़रीनों ने
'अज़्मत-ए-दर 'अज़ीम है लेकिन
नाम पैदा किया जबीनों ने
आज़माइश के वास्ते 'क़ैसर'
आइना ले लिया हसीनों ने
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