जैसा जैसा हम ने चाहा वैसा वैसा हो गया

By aamir-azherOctober 4, 2024
जैसा जैसा हम ने चाहा वैसा वैसा हो गया
धीरे धीरे हौले हौले रफ़्ता-रफ़्ता हो गया
अब मोहब्बत भी नहीं है और शिकायत भी नहीं
बात मानो या न मानो लेकिन ऐसा हो गया


देखते ही देखते अहबाब रुख़्सत हो गए
देखते ही देखते जग में अंधेरा हो गया
किस क़दर शफ़्फ़ाफ़ था जब तक तिरी आँखों में था
आइने तक आते आते 'अक्स मैला हो गया


कौन कह सकता है दिल में आग किस लम्हे लगी
पल दो पल के खेल में इक पल ज़ियादा हो गया
किस तरफ़ से रात आई किस तरफ़ ले के गई
मैं ने तो सिगरेट जलाई और सवेरा हो गया


मुनफ़रिद होता तो मुझ को क्यों कोई पहचानता
सच तो ये है मैं भी 'आमिर' सब के जैसा हो गया
74359 viewsghazalHindi