जाऊँ फिर उस को मनाने के लिए

By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
जाऊँ फिर उस को मनाने के लिए
कुछ नई क़स्में हैं खाने के लिए
कुछ लतीफ़े से ज़ियादा चाहिए
बैठे-बैठे मुस्कुराने के लिए


बस ज़रा सी धूप मिल जाती हमें
अपने गीले पर सुखाने के लिए
ये जो अब रोते हैं घर की याद में
मर रहे थे साथ आने के लिए


एक साथी होश में रक्खा गया
वापसी में घर बताने के लिए
दुश्मनों को घर पे ले कर आ गए
अपनी तय्यारी दिखाने के लिए


होश थोड़ा सा बचा लेता हूँ मैं
वापसी में लड़खड़ाने के लिए
14011 viewsghazalHindi