जिस के नेज़े पे है ये सर मेरा

By aqib-jawedJuly 31, 2020
जिस के नेज़े पे है ये सर मेरा
उस के आँखों में देख डर मेरा
प्यास पानी को लग रही होगी
आग का जिस्म देख कर मेरा


हम ग़रीबों का ये असासा है
एक दस्तार और ये सर मेरा
नक़्श-ए-पा तक नहीं बने उस के
जब कि सहरा में है ये घर मेरा


जब से ठुकरा दिया तिरे ग़म ने
दिल ये फिरता है दर-ब-दर मेरा
ना-ख़ुदा डूबने से क्या बचता
ले के डूबा था मुझ को डर मेरा


मै-कदा बन गईं तिरी आँखें
अब तो आँखों से जाम भर मेरा
81312 viewsghazalHindi