जिस की इक दीद भाव है दिल का

By adnan-asarJanuary 18, 2025
जिस की इक दीद भाव है दिल का
उस की जानिब झुकाओ है दिल का
'अक़्ल हर चीज़ से उलझती है
कितना अच्छा सुभाव है दिल का


तेरी यादें भी झोंक दी इस में
ये जो रौशन अलाव है दिल का
वो जिसे लोग 'इश्क़ कहते हैं
सच कहूँ तो लगाओ है दिल का


है रवानी में ज़िंदगी उस की
इक नदी सा बहाओ है दिल का
तू न आए तो थमने लगता है
मुझ पे कितना दबाओ है दिल का


देखता भी नहीं किसी जानिब
इस गली में पड़ाओ है दिल का
किसी अपने का तीर था 'अदनान'
क्या दिखाऊँ जो घाव है दिल का


76167 viewsghazalHindi