जो तेरे साथ ज़रा देर तक रुका होता

By nomaan-shauqueFebruary 28, 2024
जो तेरे साथ ज़रा देर तक रुका होता
मैं इक ख़याल से आगे नहीं गया होता
फ़क़ीर लोग रहे अपने अपने हाल में मस्त
नहीं तो शह्र का नक़्शा बदल चुका होता


मैं अपने दिल से मुख़ातिब था ताजिरों से नहीं
कि नाप तोल के सब कुछ कहा सुना होता
वो बादशाह-ए-मोहब्बत में हार भी जाते
तो सल्तनत का बड़ा काम हो गया होता


कोई तो जाग गया होता बाग़ जलने तक
मिरी सदा से किसी का भला हुआ होता
हम ऐसे लोग तो उक्ता गए थे 'इश्क़ से भी
वो बेवफ़ा नहीं होता तो जाने क्या होता


भला हुआ कि जुदा हो गया वो जादूगर
मैं बंद आँखें लिए साथ चल रहा होता
74671 viewsghazalHindi