जुनूँ वाले बिल-आख़िर शाहकारों से निकल आए

By nomaan-shauqueFebruary 28, 2024
जुनूँ वाले बिल-आख़िर शाहकारों से निकल आए
सभी शाह-ए-जहाँ अपने मज़ारों से निकल आए
हमें सैलाब का डर बस्तियों से खींच लाया था
कई आसेब शहरों के किनारों से निकल आए


मैं कल रात अपनी वीरानी पे रोया इस क़दर रोया
सभी खोए हुए चेहरे सितारों से निकल आए
निसाबों में हुई तरमीम रंगों पर शबाब आया
नए मा'नी पुराने इश्तिहारों से निकल आए


किसी के हाथ आज़ादी का परवाना नहीं आया
बचा कर जान हम तीमार-दारों से निकल आए
89140 viewsghazalHindi