काम आ कर भी तो हर शख़्स के तन्हा होना

By sajid-raheemFebruary 28, 2024
काम आ कर भी तो हर शख़्स के तन्हा होना
मैं न कहता था कि अच्छा नहीं अच्छा होना
टाल देता हूँ बहाने से सभी लोगों को
मुझ को आया न तिरे बा'द किसी का होना


तेरे हिस्से की मोहब्बत तो तुझे मिलनी थी
मेरे ज़िम्मे था फ़क़त उस का वसीला होना
हाए किस कर्ब से कहती थीं वो ख़ाली आँखें
तुम तो समझोगे मुझे तुम तो मसीहा हो ना


लाख बेहतर है ज़माने की ख़बर रखने से
एक ही शख़्स के हर दुख से शनासा होना
13010 viewsghazalHindi