काम निमटा के हम तो सो गए हैं

By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
काम निमटा के हम तो सो गए हैं
देखने-भर को ख़्वाब हो गए हैं
जिन को मंज़िल से कोई शग़्ल नहीं
ऐसे कुछ लोग साथ हो गए हैं


पहले वो खोए जो थे मरकज़-ए-दीद
और अब साथ वाले खो गए हैं
'इश्क़ में ऐसे कुछ सबक़ भी मिले
जो हमेशा को याद हो गए हैं


लहलहाएगा फिर हमारा वजूद
तेरी मिट्टी में ख़ुद को बो गए हैं
यूँ कि बस तेरे आस-पास था मैं
लोग मेरे भी पाँव धो गए हैं


10526 viewsghazalHindi