कभी भुला के कभी उस को याद कर के मुझे

By jamal-ehsaniFebruary 26, 2024
कभी भुला के कभी उस को याद कर के मुझे
'जमाल' क़र्ज़ चुकाने हैं 'उम्र भर के मुझे
अभी तो मंज़िल-ए-जानाँ से कोसों दूर हूँ मैं
अभी तो रास्ते हैं याद अपने घर के मुझे


जो लिखता फिरता है दीवार-ओ-दर पे मेरा नाम
बिखेर दे न कहीं हर्फ़ हर्फ़ कर के मुझे
मोहब्बतों की बुलंदी पे है यक़ीं तो कोई
गले लगाए मिरी सत्ह पर उतर के मुझे


चराग़ बन के जला जिस के वास्ते इक 'उम्र
चला गया वो हवा के सुपुर्द कर के मुझे
12409 viewsghazalHindi