कभी किसी ने जो दिल दुखाया तो दिल को समझा गई उदासी

By tripurariNovember 23, 2020
कभी किसी ने जो दिल दुखाया तो दिल को समझा गई उदासी
मोहब्बतों के उसूल सारे हमें भी सिखला गई उदासी
तुम्हें जो सोचा तो मेरे दिल से उदासियों का हुजूम गुज़रा
कभी कभी तो हुआ है यूँ भी कि बे-सबब छा गई उदासी


पड़ी हुई थी निढाल हो कर हमारी आँखों के आँगनों में
किसी की आहट सुनी तो चौंकी ज़रा सी घबरा गई उदासी
ज़रा सी दूरी पे बैठ कर वो निगाह मुझ से मिला रही थी
जो अपनी बाँहों में भर लिया तो अदा से शरमा गई उदासी


वो दौर भी था कि फ़ासलों से गुज़र रही थी नदी की सूरत
न जाने किस की दुआ है यारों कि मुझ में भी आ गई उदासी
न जाने किन पहलुओं में रह कर हुई है गहरी मिरी उदासी
न जाने किन किन लबों से पी कर ये ज़िंदगी पा गई उदासी


मिली थी जिस दिन लगा था यूँ के नहीं बनेगी कभी हमारी
जो साथ हम ने बिताए कुछ दिन तो एक दिन भा गई उदासी
43063 viewsghazalHindi