कभी तुम भीगने आना मिरी आँखों के मौसम में

By farah-iqbalOctober 29, 2020
कभी तुम भीगने आना मिरी आँखों के मौसम में
बनाना मुझ को दीवाना मिरी आँखों के मौसम में
बरसता भीगता हो जब कोई लम्हा निगाहों में
वहीं तुम भी ठहर जाना मिरी आँखों के मौसम में


कई मौसम गुज़ारे हैं उन्हों ने धूप छाँव के
नया मौसम कोई लाना मिरी आँखों के मौसम में
सुनहरी धूप फैली हो कहीं यादों के जंगल में
तो किरनें बन के मुस्काना मिरी आँखों के मौसम में


कभी दो-चार हो जाएँ मिरी नज़रें जो तुम से तो
छलक जाएगा पैमाना मिरी आँखों के मौसम में
मिरी आँखों के सब मौसम हैं तन्हाई से घबराए
न तन्हा छोड़ कर जाना मिरी आँखों के मौसम में


हैं यूँ तो फ़ासले कितने ज़मानों के मकानों के
मगर मिलते हो रोज़ाना मिरी आँखों के मौसम में
43360 viewsghazalHindi