कहता है कार-ए-'इश्क़ में मर जाना चाहिए

By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
कहता है कार-ए-'इश्क़ में मर जाना चाहिए
इस ख़ुश-गुमाँ को आप से मिलवाना चाहिए
झपकाये जो न आँख रीहरसल के वक़्त भी
ऐसे तमाशबीन से घबराना चाहिए


अपने सियाह बाल दिखाऊँ कि सुर्ख़ गाल
इतना तो मौत को भी नज़र आना चाहिए
वहशी कोई मिले तो करूँ उस से मशवरा
सहरा में कितनी ज़ोर से चिल्लाना चाहिए


ख़्वाहिश तो है मगर नहीं ताक़त गुनाह की
या'नी कि वक़्त आ गया पछताना चाहिए
क्यों दश्त बार बार मुझे भेजते हैं आप
बाज़ार नाम का कोई वीराना चाहिए


24696 viewsghazalHindi