करेगी ख़ुद-कुशी आख़िर मोहब्बत
By shruti-chayaFebruary 29, 2024
करेगी ख़ुद-कुशी आख़िर मोहब्बत
अना से अब गई है घिर मोहब्बत
बदन तक का सफ़र भाता है इस को
कुछ इस हद तक गई है गिर मोहब्बत
जिसे चाहे उसी को पूजती है
है कितनी देख लो काफ़िर मोहब्बत
पुराने ज़ख़्म भी अब तक नए हैं
मगर दिल चाहता है फिर मोहब्बत
कहीं हम दोस्ती भी खो न बैठें
सो करते ही नहीं ज़ाहिर मोहब्बत
किसी के वास्ते है अमृता तो
किसी के वास्ते साहिर मोहब्बत
अना से अब गई है घिर मोहब्बत
बदन तक का सफ़र भाता है इस को
कुछ इस हद तक गई है गिर मोहब्बत
जिसे चाहे उसी को पूजती है
है कितनी देख लो काफ़िर मोहब्बत
पुराने ज़ख़्म भी अब तक नए हैं
मगर दिल चाहता है फिर मोहब्बत
कहीं हम दोस्ती भी खो न बैठें
सो करते ही नहीं ज़ाहिर मोहब्बत
किसी के वास्ते है अमृता तो
किसी के वास्ते साहिर मोहब्बत
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