करनी पड़ेगी जिस्म से पहचान जान कर

By farhat-ehsasFebruary 6, 2024
करनी पड़ेगी जिस्म से पहचान जान कर
तू क्या करेगी मुझ को मिरी जान जान कर
वो देखता है यूँ मिरी आराइश-ए-बदन
करता हूँ चाक ख़ुद को गरेबान जान कर


अल्लह मियाँ के साथ था मुल्लाओं का हुजूम
ला-हौल पढ़ दिया उन्हें शैतान जान कर
दरिया ने पार उतार दी कश्ती मिरी मगर
मुझ को डुबो दिया मिरा सामान जान कर


तौहीद पर जो ज़ोर दिया हम ने 'इश्क़ में
बुत डर के भागे हम को मुसलमान जान कर
75526 viewsghazalHindi