कौन फिर होश में आए किसे फिर होश रहे
By azmat-bhopaliOctober 3, 2021
कौन फिर होश में आए किसे फिर होश रहे
जब तिरी मस्त नज़र मय-कदा-बर-दोश रहे
ज़ुल्फ़ आशुफ़्ता नज़र मस्त दमकते रुख़्सार
यूँ जो आ जाओ तो फिर किस को भला होश रहे
ये है मय-ख़ाना-ए-इश्क़ इस का यही है दस्तूर
होश वाला भी यहाँ आए तो बेहोश रहे
भूल कर भी न चखा क़तरा-ए-मय हम ने कभी
तेरी महफ़िल में मगर सूरत-ए-मय-नोश रहे
जाने क्या बात थी क्या हाल था मेरा 'अज़्मत'
वो मुझे देखने आए भी तो ख़ामोश रहे
जब तिरी मस्त नज़र मय-कदा-बर-दोश रहे
ज़ुल्फ़ आशुफ़्ता नज़र मस्त दमकते रुख़्सार
यूँ जो आ जाओ तो फिर किस को भला होश रहे
ये है मय-ख़ाना-ए-इश्क़ इस का यही है दस्तूर
होश वाला भी यहाँ आए तो बेहोश रहे
भूल कर भी न चखा क़तरा-ए-मय हम ने कभी
तेरी महफ़िल में मगर सूरत-ए-मय-नोश रहे
जाने क्या बात थी क्या हाल था मेरा 'अज़्मत'
वो मुझे देखने आए भी तो ख़ामोश रहे
90002 viewsghazal • Hindi