ख़ाक थी ख़ाक-दान में क्या था
By nawed-fidaa-sattiiNovember 11, 2020
ख़ाक थी ख़ाक-दान में क्या था
हम से पहले जहान में क्या था
जाँ हथेली पे थी पतंगों की
जाने इस शम्अ-दान में क्या था
अब तो आसेब है मिरे घर में
क़ब्ल इस के मकान में क्या था
खींचता था वो नक़्श-ए-पा हम को
नक़्श क्या था निशान में क्या था
देवता कह रहे थे लोग जिसे
वो हमारी ज़बान में क्या था
उम्र भर मिल सके न हम दोनों
वसवसा दरमियान में क्या था
कैसा निकला है ऐ 'फ़िदा' तू भी
और हमारे गुमान में क्या था
हम से पहले जहान में क्या था
जाँ हथेली पे थी पतंगों की
जाने इस शम्अ-दान में क्या था
अब तो आसेब है मिरे घर में
क़ब्ल इस के मकान में क्या था
खींचता था वो नक़्श-ए-पा हम को
नक़्श क्या था निशान में क्या था
देवता कह रहे थे लोग जिसे
वो हमारी ज़बान में क्या था
उम्र भर मिल सके न हम दोनों
वसवसा दरमियान में क्या था
कैसा निकला है ऐ 'फ़िदा' तू भी
और हमारे गुमान में क्या था
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