ख़ामुशी फैलती जाती है तो गोयाई कर

By salim-saleemFebruary 28, 2024
ख़ामुशी फैलती जाती है तो गोयाई कर
बीच बाज़ार कोई शोरिश-ए-तन्हाई कर
कुछ ज़मीनें पस-ए-अफ़्लाक भी होती होंगी
आसमानों में ज़रा कोशिश-ए-बीनाई कर


ज़ुल्फ़ लहराते हुए सामने आ जा इक बार
मेरी भीगी हुई आँखों को तमाशाई कर
93411 viewsghazalHindi