ख़ुद से मिलने के लिए ख़ुद से गुज़र कर आया

By kaifi-wijdaniNovember 3, 2020
ख़ुद से मिलने के लिए ख़ुद से गुज़र कर आया
किस क़दर सख़्त मुहिम थी कि जो सर कर आया
लाश होता तो उभर आता की इक मैं ही क्या
सतह पर कोई भी पत्थर न उभर कर आया


सिर्फ़ दरवाज़े तलक जा के ही लौट आया हूँ
ऐसा लगता है कि सदियों का सफ़र कर आया
चाँद क़दमों पे पड़ा मुझ को बुलाता ही रहा
मैं ही ख़ुद बाम से अपने न उतर कर आया


मुझ को आना ही था इक रोज़ हक़ीक़त के क़रीब
ज़िंदगी में नहीं आया था तो मर कर आया
40759 viewsghazalHindi