ख़्वाब आँखों में सजाए रखना

By ummeed-fazliMarch 1, 2024
ख़्वाब आँखों में सजाए रखना
'अज़्म के दीप जलाए रखना
दाव चल जाए न शब-ज़ादों का
लौ चराग़ों की बढ़ाए रखना


मेहरबाँ माँ की तरह है ये ज़मीं
सर यहाँ अपना झुकाए रखना
चाँद उतरे न ज़मीं पे जब तक
आसमाँ सर पे उठाए रखना


ज़िंदा रहना है तो यारान-ए-'अज़ीज़
हाथ से हाथ मिलाए रखना
जिस ने ये रूप दिया है 'उम्मीद'
वो ज़मीं दिल में बसाए रखना


22816 viewsghazalHindi