खींच कर अक्स फ़साने से अलग हो जाओ

By dilawar-ali-aazarOctober 29, 2020
खींच कर अक्स फ़साने से अलग हो जाओ
बे-नुमू आइना-ख़ाने से अलग हो जाओ
सारा दिन साथ रहो साए की सूरत अपने
शाम होते ही बहाने से अलग हो जाओ


शे'र वो लिक्खो जो पहले कहीं मौजूद न हो
ख़्वाब देखो तो ज़माने से अलग हो जाओ
शाइ'री ऐसे झमेलों से बहुत आगे है
इस नए और पुराने से अलग हो जाओ


नींद में हज़रत-ए-यूसुफ़ को अगर देखा है
ऐन मुमकिन है घराने से अलग हो जाओ
एहतिरामन मिरे हल्क़े में रहे हो शामिल
एहतिमामन मिरे शाने से अलग हो जाओ


उस को तस्वीर करो सफ़हा-ए-दिल पर 'आज़र'
ग़ैब का नक़्श बनाने से अलग हो जाओ
74534 viewsghazalHindi