ख़ुद को किस तरह तुम सँभालोगे
By bilal-sabirMarch 1, 2024
ख़ुद को किस तरह तुम सँभालोगे
जब तलक उन के ख़्वाब पालोगे
जैसा तुम ने किया वो कर दूँ तो
सर पे दुनिया को तुम उठा लोगे
जान-ए-दिल रूह-ए-ज़िंदगी बोलो
प्यार से देखने का क्या लोगे
तुम ने भी डूबने दिया मुझ को
मुझ को लगता था तुम बचा लोगे
अपने रस्ते को जानने के बा'द
एक दिन तुम भी रास्ता लोगे
तुम को कोई भी कुछ न बोलेगा
तुम जिसे चाहो आज़मा लोगे
तुम सँभालो तो होगा कुछ अपना
कुछ भी होगा तो तुम सँभालोगे
हाथ होंगे तुम्हारे भी गंदे
हम पे कीचड़ अगर उछालोगे
भेज कर हम को कोरा काग़ज़ तुम
और मुश्किल में कितनी डालोगे
जब तलक उन के ख़्वाब पालोगे
जैसा तुम ने किया वो कर दूँ तो
सर पे दुनिया को तुम उठा लोगे
जान-ए-दिल रूह-ए-ज़िंदगी बोलो
प्यार से देखने का क्या लोगे
तुम ने भी डूबने दिया मुझ को
मुझ को लगता था तुम बचा लोगे
अपने रस्ते को जानने के बा'द
एक दिन तुम भी रास्ता लोगे
तुम को कोई भी कुछ न बोलेगा
तुम जिसे चाहो आज़मा लोगे
तुम सँभालो तो होगा कुछ अपना
कुछ भी होगा तो तुम सँभालोगे
हाथ होंगे तुम्हारे भी गंदे
हम पे कीचड़ अगर उछालोगे
भेज कर हम को कोरा काग़ज़ तुम
और मुश्किल में कितनी डालोगे
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