ख़ुद से जो आश्ना नहीं होता

By mast-hafiz-rahmaniFebruary 27, 2024
ख़ुद से जो आश्ना नहीं होता
उस का कोई ख़ुदा नहीं होता
आसरा है तो बस ख़ुदा का है
और कोई आसरा नहीं होता


रास्ता देते हैं समुंदर भी
हौसला हो तो क्या नहीं होता
लोग आते हैं लोग जाते हैं
दिल किसी से ख़फ़ा नहीं होता


मैं उसे बेवफ़ा कहूँ कैसे
हर कोई बा-वफ़ा नहीं होता
उस तरफ़ ख़ुद ही पाँव चलते हैं
जिस तरफ़ रास्ता नहीं होता


किस क़दर बा-वफ़ा है दिल का मकीं
कोई लम्हा जुदा नहीं होता
जो ख़ुदा है वही रहेगा ख़ुदा
कोई बंदा ख़ुदा नहीं होता


'मोमिन-ए-देहलवी' पे नाज़ न कर
कोई बंदा बुरा नहीं होता
फिर भी वो 'मस्त' साथ रहता है
क्या करें सामना नहीं होता


86971 viewsghazalHindi