खुली आँखों से हर सपना सुहाना देखते जाओ

By bhagwan-khilnani-saqiFebruary 26, 2024
खुली आँखों से हर सपना सुहाना देखते जाओ
अभी तो और बदलेगा ज़माना देखते जाओ
रहेंगे जा के जब आकाश पर सब लोग धरती के
पलट आएगा मुझ जैसा दिवाना देखते जाओ


लगाई जिस तरह से आग उस ने सारी दुनिया में
जलाएगा ख़ुद अपना आशियाना देखते जाओ
निभाया तुम ने हर नाता वफ़ा का बेवफ़ाई से
हमारा रस्म-ए-उल्फ़त भी निभाना देखते जाओ


नहीं आया हमें नज़रें मिलाना आज तक जिस से
सिखा देगा वो ख़ुद नज़रें मिलाना देखते जाओ
35432 viewsghazalHindi