ख़ून में डूबा हुआ शहर का मंज़र है मियाँ

By alimuddin-aleemJune 3, 2024
ख़ून में डूबा हुआ शहर का मंज़र है मियाँ
ऐसे माहौल से तो गाँव ही बेहतर है मियाँ
किस घड़ी क्या हो मिरे साथ कोई ठीक नहीं
इन दिनों चारों तरफ़ ख़ौफ़ का लश्कर है मियाँ


आफ़ियत इस में तुम्हारी है कि ख़ामोश रहो
और कहने को मिरे पास भी दफ़्तर है मियाँ
'उम्र भर तेशा-ज़नी मेरी तरह कौन करे
सख़्त पत्थर की तरह मेरा मुक़द्दर है मियाँ


हो रहा है ये अयाँ ख़ौफ़-ज़दा चेहरे से
रो'ब ग़ालिब तो मिरा आज भी तुम पर है मियाँ
ख़ौफ़ सा लगता है ख़ुद अपने पड़ोसी से 'अलीम'
घर तो ऊँचा है मगर फूस का छप्पर है मियाँ


10179 viewsghazalHindi