किसी के ज़िक्र से दाइम हमारी ज़िंदगानी है

By aarif-nazeerAugust 7, 2024
किसी के ज़िक्र से दाइम हमारी ज़िंदगानी है
और उस की राह से हटना हमारी राएगानी है
हमारे ख़्वाब चाहत आरज़ू सारी तमन्नाएँ
तुम्ही हो तुम नहीं तो क्या हमारी जावेदानी है


तिरी चाहत में हम शिद्दत-पसंदी पर उतर आएँ
हमारे बीच हाइल है जो ये दीवार ढानी है
ख़ुदा तेरी ज़मीं पे तेरा बटवारा निराला है
कहीं ख़ुश्की ही ख़ुश्की है कहीं पानी ही पानी है


हमें बचपन ही से अब्बा ने समझाया था कि 'आरिफ़'
मोहब्बत के सिवा दुनिया की हर इक चीज़ फ़ानी है
72214 viewsghazalHindi