किसी लय में किसी भी ताल में हम

By tasnim-abbas-quraishiMarch 1, 2024
किसी लय में किसी भी ताल में हम
रहे सुर में मगर धमाल में हम
भले बा-होश थे या वज्द में थे
तुझे भूले नहीं हर हाल में हम


थे गरचे वज्द के 'आलम में दुनिया
नहीं उलझे तिरे जंजाल में हम
कभी पहुँचे तिरे बा'इस सर-ए-‘अर्श
कभी पाए गए पाताल में हम


समझ पाया नहीं कुछ भी ज़माना
रहे कुछ ऐसे हाल-ओ-क़ाल में हम
हमें समझा गया आधा अधूरा
भले थे हालत-ए-इकमाल में हम


नहीं 'तसनीम' मुस्तक़बिल हमारा
मिलेंगे माज़ी-ए-पामाल में हम
10127 viewsghazalHindi