किसी से ख़फ़ा मैं हुआ ही नहीं
By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
किसी से ख़फ़ा मैं हुआ ही नहीं
कभी मुझ को ये हक़ मिला ही नहीं
रवाँ यूँही रहना है मेरा नसीब
बिखर जाऊँ इतनी हवा ही नहीं
कई बार गुज़रा बराबर से मैं
उसे मेरा धोका हुआ ही नहीं
जो दुनिया ने तय की है मेरे लिए
किए की मिरे वो सज़ा ही नहीं
रुके ही कहाँ साँस लेने को हम
जो उस ने कहा वो सुना ही नहीं
कभी मुझ को ये हक़ मिला ही नहीं
रवाँ यूँही रहना है मेरा नसीब
बिखर जाऊँ इतनी हवा ही नहीं
कई बार गुज़रा बराबर से मैं
उसे मेरा धोका हुआ ही नहीं
जो दुनिया ने तय की है मेरे लिए
किए की मिरे वो सज़ा ही नहीं
रुके ही कहाँ साँस लेने को हम
जो उस ने कहा वो सुना ही नहीं
25785 viewsghazal • Hindi