किए हैं रास्ते हमवार जाने वालों के

By sajid-raheemFebruary 28, 2024
किए हैं रास्ते हमवार जाने वालों के
पड़ा न पाँव मैं इस बार जाने वालों के
मैं जंग जीतने वाला वो पहला आदमी था
जो नौहे लिख रहा था हार जाने वालों के


किसी किसी का कोई तीर सुर्ख़-रू ठहरा
ज़मीं पे ढेर हैं बेकार जाने वालों के
वही थी सादगी हर बार पीछे वालों की
बहाने थे वही दो चार जाने वालों के


पुराने 'अह्द की मतरूक सी इमारत हूँ
मुझी में ढूँढिए आसार जाने वालों के
ये क्या कि उन को भी आसाँ हमें ही करना था
थे जितने मरहले दुश्वार जाने वालों के


मैं थोड़ी दूर तो इस वास्ते भी साथ चला
परखने थे मुझे किरदार जाने वालों के
करूँगा बंद सभी वापसी के दरवाज़े
मैं चेहरे देख लूँ इक बार जाने वालों के


93031 viewsghazalHindi