कोई मारे तो मार डाले मुझे
By aarif-nazeerJuly 12, 2024
कोई मारे तो मार डाले मुझे
इस ख़राबे से तो निकाले मुझे
'इज़्ज़त-ए-नफ़्स मेरी बच जाए
मुझ को आवाज़ दे बुला ले मुझे
जुस्तुजू थी कि तेरे लब पढ़ता
तू पढाती रही रिसाले मुझे
बस अंधेरे से दोस्ती कर ली
जब डराने लगे उजाले मुझे
ये सितम है मिरे ख़ुलूस के साथ
कर के मदहोश फिर सँभाले मुझे
वो हक़ीक़त-पसंद लड़की भी
कर गई ख़्वाब के हवाले मुझे
पुर-सुकूँ नींद उड़ गई है मिरी
ऐ मिरी माँ गले लगा ले मुझे
बाप के बा'द मुश्किलें देखीं
ज़र्रे लगने लगे हिमालय मुझे
कौन रद कर सकेगा मेरे गीत
तू जो इक बार गुनगुना ले मुझे
हर घड़ी याद आते हैं 'आरिफ़'
हाए वो नैन काले काले मुझे
इस ख़राबे से तो निकाले मुझे
'इज़्ज़त-ए-नफ़्स मेरी बच जाए
मुझ को आवाज़ दे बुला ले मुझे
जुस्तुजू थी कि तेरे लब पढ़ता
तू पढाती रही रिसाले मुझे
बस अंधेरे से दोस्ती कर ली
जब डराने लगे उजाले मुझे
ये सितम है मिरे ख़ुलूस के साथ
कर के मदहोश फिर सँभाले मुझे
वो हक़ीक़त-पसंद लड़की भी
कर गई ख़्वाब के हवाले मुझे
पुर-सुकूँ नींद उड़ गई है मिरी
ऐ मिरी माँ गले लगा ले मुझे
बाप के बा'द मुश्किलें देखीं
ज़र्रे लगने लगे हिमालय मुझे
कौन रद कर सकेगा मेरे गीत
तू जो इक बार गुनगुना ले मुझे
हर घड़ी याद आते हैं 'आरिफ़'
हाए वो नैन काले काले मुझे
86453 viewsghazal • Hindi