कोई मौज़ू' हो तेरा हवाला अच्छा लगता है
By jamal-ehsaniFebruary 26, 2024
कोई मौज़ू' हो तेरा हवाला अच्छा लगता है
फिर उस के बा'द हर चुप रहने वाला अच्छा लगता है
इक ऐसी बे-नतीजा जंग लड़ कर आ रहा हूँ मैं
कि अब शमशीर से बढ़ कर पियाला अच्छा लगता है
बहुत आराइश-ए-ख़ाना के मंसूबे बनाता हूँ
मगर कमरे की छत पर एक जाला अच्छा लगता है
मुझे अच्छा नहीं लगता ज़बाँ को बंद कर लेना
मगर बच्चों के हाथों में निवाला अच्छा लगता है
कभी दिल शाद रहता है किसी के मिलते रहने से
कभी कोई बिछड़ कर जाने वाला अच्छा लगता है
'अनासिर से अलग कर के मैं तुझ को देखना चाहूँ
तिरे हमराह सब कुछ ला-मुहाला अच्छा लगता है
इसी इक बात पर है इत्तिफ़ाक़-ओ-इख़्तिलाफ़ उस से
उसे आईना और मुझ को पियाला अच्छा लगता है
वो कोई और है हम में से हरगिज़ हो नहीं सकता
जिसे इस घर से बाहर का उजाला अच्छा लगता है
फिर उस के बा'द हर चुप रहने वाला अच्छा लगता है
इक ऐसी बे-नतीजा जंग लड़ कर आ रहा हूँ मैं
कि अब शमशीर से बढ़ कर पियाला अच्छा लगता है
बहुत आराइश-ए-ख़ाना के मंसूबे बनाता हूँ
मगर कमरे की छत पर एक जाला अच्छा लगता है
मुझे अच्छा नहीं लगता ज़बाँ को बंद कर लेना
मगर बच्चों के हाथों में निवाला अच्छा लगता है
कभी दिल शाद रहता है किसी के मिलते रहने से
कभी कोई बिछड़ कर जाने वाला अच्छा लगता है
'अनासिर से अलग कर के मैं तुझ को देखना चाहूँ
तिरे हमराह सब कुछ ला-मुहाला अच्छा लगता है
इसी इक बात पर है इत्तिफ़ाक़-ओ-इख़्तिलाफ़ उस से
उसे आईना और मुझ को पियाला अच्छा लगता है
वो कोई और है हम में से हरगिज़ हो नहीं सकता
जिसे इस घर से बाहर का उजाला अच्छा लगता है
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