कुछ तुम को मिरी जान ख़बर है कि नहीं है

By abid-razaFebruary 17, 2025
कुछ तुम को मिरी जान ख़बर है कि नहीं है
रस्ता है कठिन ज़ाद-ए-सफ़र है कि नहीं है
रहते हैं इसी आलम-ए-इम्कान में हम लोग
ये आलम-ए-इम्कान मगर है कि नहीं है


अल्फ़ाज़ की चौखट पे है इबहाम का पर्दा
पर्दे में कोई दस्त-ए-हुनर है कि नहीं है
अफ़्लाक के उस पार से हो आओ तो पूछें
जो बात इधर है वो उधर है कि नहीं है


37625 viewsghazalHindi