लग रहा था यहीं कहीं हो तुम

By aamir-azherOctober 4, 2024
लग रहा था यहीं कहीं हो तुम
काश होते मगर नहीं हो तुम
सिर्फ़ बारिश में वस्ल मुमकिन है
आसमाँ मैं हूँ और ज़मीं हो तुम


दूर से भी हो दिल-नशीं लेकिन
सामने किस क़दर हसीं हो तुम
कब से मुझ को नहीं मिले देखो
यार क्या ज़ेर-ए-आस्तीं हो तुम


जिस जगह था मैं फिर वहीं हूँ मैं
जिस जगह था मैं क्या वहीं हो तुम
43416 viewsghazalHindi