लिख के तहरीर मोहब्बत की मिटाई उस ने
By shamim-danishFebruary 29, 2024
लिख के तहरीर मोहब्बत की मिटाई उस ने
हाए किस दिल से छुरी दिल पे चलाई उस ने
ख़ूबसूरत मिरी आँखों का ये धोका ही सही
मेरी तस्वीर तो सीने से लगाई उस ने
वो जो अब ताक़ पे ख़ामोश दिया रक्खा है
रात-भर की है अँधेरों से लड़ाई उस ने
चंद लम्हे ही सही चश्म-ए-'इनायत से मगर
दोनों 'आलम की मुझे सैर कराई उस ने
कर के बे-लौस मोहब्बत से किनारा मेरी
क्या 'अज़ीज़ो मिरे पाई है ख़ुदाई उस ने
'उम्र-भर की मैं सज़ा काटने वाला था मगर
जाने क्या सोच के दे दी है रिहाई उस ने
जिस को देखो वही दीवाना बना फिरता है
ऐसी तस्वीर है डीपी में लगाई उस ने
हार तो मेरी उसी वक़्त हुई ऐ 'दानिश'
कर लिया अपनी तरफ़ जब मिरा भाई उस ने
हाए किस दिल से छुरी दिल पे चलाई उस ने
ख़ूबसूरत मिरी आँखों का ये धोका ही सही
मेरी तस्वीर तो सीने से लगाई उस ने
वो जो अब ताक़ पे ख़ामोश दिया रक्खा है
रात-भर की है अँधेरों से लड़ाई उस ने
चंद लम्हे ही सही चश्म-ए-'इनायत से मगर
दोनों 'आलम की मुझे सैर कराई उस ने
कर के बे-लौस मोहब्बत से किनारा मेरी
क्या 'अज़ीज़ो मिरे पाई है ख़ुदाई उस ने
'उम्र-भर की मैं सज़ा काटने वाला था मगर
जाने क्या सोच के दे दी है रिहाई उस ने
जिस को देखो वही दीवाना बना फिरता है
ऐसी तस्वीर है डीपी में लगाई उस ने
हार तो मेरी उसी वक़्त हुई ऐ 'दानिश'
कर लिया अपनी तरफ़ जब मिरा भाई उस ने
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