लोग हर बात को अफ़्साना बना देते हैं
By bhagwan-khilnani-saqiFebruary 26, 2024
लोग हर बात को अफ़्साना बना देते हैं
होश-मंदों को भी दीवाना बना देते हैं
ज़िक्र करते हैं तिरे हुस्न का जिस दम हम लोग
चाँदनी रात को अफ़्साना बना देते हैं
तेरी मख़मूर निगाहों से ज़रा सी पी कर
हम तो हर चीज़ को मय-ख़ाना बना देते हैं
कुछ तो पहले ही किया 'इश्क़ ने पागल दिल को
और कुछ लोग भी दीवाना बना देते हैं
हुस्न की शम' को वो करते हैं ऐसे रौशन
'इश्क़ को आते ही परवाना बना देते हैं
हम वो मय-ख़्वार हैं जो देख के तुझ को 'साक़ी'
मय-कदे को भी सनम-ख़ाना बना देते हैं
होश-मंदों को भी दीवाना बना देते हैं
ज़िक्र करते हैं तिरे हुस्न का जिस दम हम लोग
चाँदनी रात को अफ़्साना बना देते हैं
तेरी मख़मूर निगाहों से ज़रा सी पी कर
हम तो हर चीज़ को मय-ख़ाना बना देते हैं
कुछ तो पहले ही किया 'इश्क़ ने पागल दिल को
और कुछ लोग भी दीवाना बना देते हैं
हुस्न की शम' को वो करते हैं ऐसे रौशन
'इश्क़ को आते ही परवाना बना देते हैं
हम वो मय-ख़्वार हैं जो देख के तुझ को 'साक़ी'
मय-कदे को भी सनम-ख़ाना बना देते हैं
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