लुटा के बैठा हूँ मैं सारा ज़ौक़-ए-हुस्न अपना

By salim-saleemFebruary 28, 2024
लुटा के बैठा हूँ मैं सारा ज़ौक़-ए-हुस्न अपना
बस इक जुनूँ था कि कुछ तुझ से मावरा लाऊँ
भड़कता रहता है आँखों में इक चराग़-ए-बदन
मुझे हवस है कि उस के लिए हवा लाऊँ


वो एक ख़्वाब जो मुझ तक अभी नहीं आया
यही करूँ उसे दुनिया से अब उठा लाऊँ
30142 viewsghazalHindi