मैं जिस जगह भी रहूँगा वहीं पे आएगा
By alam-khursheedJune 1, 2024
मैं जिस जगह भी रहूँगा वहीं पे आएगा
मिरा सितारा किसी दिन ज़मीं पे आएगा
लकीर खींच के बैठी है तिश्नगी मेरी
बस एक ज़िद है कि दरिया यहीं पे आएगा
मुहीब साए बढ़े आते हैं हमारी तरफ़
कब ए'तिबार हमें दूर-बीं पे आएगा
अब इस अदा से हवाएँ दिए बुझाएँगी
कि इत्तिहाम भी ख़ाना-नशीं पे आएगा
कमान-ए-वक़्त ने हम को हदफ़ बनाया है
कहीं से तीर चलेगा हमीं पे आएगा
उड़ा रहा हूँ ग़ुबारा मगर ख़बर है मुझे
ज़रा सी देर में वापस ज़मीं पे आएगा
मिरा सितारा किसी दिन ज़मीं पे आएगा
लकीर खींच के बैठी है तिश्नगी मेरी
बस एक ज़िद है कि दरिया यहीं पे आएगा
मुहीब साए बढ़े आते हैं हमारी तरफ़
कब ए'तिबार हमें दूर-बीं पे आएगा
अब इस अदा से हवाएँ दिए बुझाएँगी
कि इत्तिहाम भी ख़ाना-नशीं पे आएगा
कमान-ए-वक़्त ने हम को हदफ़ बनाया है
कहीं से तीर चलेगा हमीं पे आएगा
उड़ा रहा हूँ ग़ुबारा मगर ख़बर है मुझे
ज़रा सी देर में वापस ज़मीं पे आएगा
53401 viewsghazal • Hindi