मैं ने जब ख़्वाब नहीं देखा था

By abdurrahman-mominOctober 22, 2020
मैं ने जब ख़्वाब नहीं देखा था
तुझ को बेताब नहीं देखा था
उस ने सीमाब कहा था मुझ को
मैं ने सीमाब नहीं देखा था


हिज्र का बाब ही काफ़ी था हमें
वस्ल का बाब नहीं देखा था
चाँद में तू नज़र आया था मुझे
मैं ने महताब नहीं देखा था


वो जो नायाब हुआ जाता है
उस को कमयाब नहीं देखा था
एक मछली ही नज़र आई मुझे
मैं ने तालाब नहीं देखा था


78041 viewsghazalHindi