मंज़र पूरा करने वाला कोई नहीं

By shariq-kaifiFebruary 29, 2024
मंज़र पूरा करने वाला कोई नहीं
भीड़ है लेकिन मरने वाला कोई नहीं
ये लम्हे तेरी क़ुर्बत के लम्हे हैं
इन में आज गुज़रने वाला कोई नहीं


इक तारीख़ रही है उस ख़ामोशी की
कान भी जिस पर धरने वाला कोई नहीं
अन्दर अन्दर काँप रहे हैं दिल में सब
लेकिन पहले डरने वाला कोई नहीं


तुम से जो मंसूब हैं 'शारिक़' आज तलक
वैसी आहें भरने वाला कोई नहीं
25556 viewsghazalHindi