मेहरबाँ किस पे हैं अब अहल-ए-जफ़ा मेरे बा'द

By rafeeq-jabirJanuary 27, 2022
मेहरबाँ किस पे हैं अब अहल-ए-जफ़ा मेरे बा'द
किस के ख़िरमन पे गिरी बर्क़-ए-बला मेरे बा'द
ऐ नसीम-ए-सहरी ये तो बता कैसे हैं
वो मिरे हम-नफ़स-ओ-शो'ला-नवा मेरे बा'द


गर्द-ए-आलाम से अब किस की जबीं धुलती है
किस के रुख़ पर है मसाइब की जिला मेरे बा'द
कौन अब मरहला-ए-दार-ओ-रसन तक पहुँचा
क्या है अब शेवा-ए-अरबाब-ए-वफ़ा मेरे बा'द


किस ने की जुरअत-ए-रिंदाना-ए-तज्दीद-ए-हयात
कौन वक़्फ़-ए-ग़म-ए-अय्याम हुआ मेरे बा'द
कौन है जो पस-ए-दीवार-ए-क़फ़स सुनता है
अहल-ए-ज़िंदाँ जरस-ए-गुल की सदा मेरे बा'द


बज़्म-ए-शाही में ब-सद-जाह-ओ-हशम कौन गया
दोष पर अपने लिए हक़ की रिदा मेरे बा'द
मुसहफ़-ए-रू-ए-दिल-आराम-ए-निगार-ए-गेती
कौन पढ़ता है ब-सद सिद्क़-ओ-सफ़ा मेरे बा'द


ज़हर-ए-ग़म होता है अब किस को गवारा देखें
है मुकर्रर लब-ए-साक़ी पे सदा मेरे बा'द
52411 viewsghazalHindi