मेरे हम-साए को मुझ से जी चुराना आ गया

By aditya-tiwari-shamsFebruary 22, 2025
मेरे हम-साए को मुझ से जी चुराना आ गया
जब मैं उस के सामने जैसा था वैसा आ गया
मुतमइन था पूरे घर में रौशनी भर दूँगा आज
पहला दीपक ही जला और ख़ुद का साया आ गया


फिर बताऊँगा सभी को सर झुकाने का हुनर
पहले ख़ुद हैरान हो लूँ ये मुझे क्या आ गया
छूने की ज़िद में उसे महसूस कर पाया नहीं
प्यास ही ले कर गया था और प्यासा आ गया


क्या अंधेरा मिट गया सब ने फ़क़त पूछा यही
कब किसी को थी तसल्ली दीप ज़िंदा आ गया
22399 viewsghazalHindi