मिरे हिज्र का तू 'इलाज कर कोई हल बता मिरे साइयाँ

By aftab-shahNovember 28, 2024
मिरे हिज्र का तू 'इलाज कर कोई हल बता मिरे साइयाँ
मिरे कर्ब की मिरे दर्द की कोई कर दवा मिरे साइयाँ
मुझे देख जा मिरे चारागर मैं तिरी नज़र का शिकार हूँ
कहाँ क्यों हुआ कहाँ क्या हुआ न मुझे सुना मिरे साइयाँ


ज़रा हाथ रख के तू हाथ पर मिरी धड़कनों को क़रार दे
मुझे रेज़ा-रेज़ा समेट कर तू गले लगा मिरे साइयाँ
न बता मुझे कि ज़माने ने तुझे कैसे मुझ से जुदा किया
तुझे 'इश्क़ है जो अभी तलक मिरे पास आ मिरे साइयाँ


मिरे हौसले को तू दाद दे मिरे हुस्न-ए-ज़न पे तू जान दे
मैं यही रहा सदा सोचता तू है बे-ख़ता मिरे साइयाँ
तिरे चौंकने से पता चला मिरा नाम अब भी 'अज़ीज़ है
मिरे ज़िक्र पर जो झुका है अब ज़रा सर उठा मिरे साइयाँ


मुझे शौक़-ए-लुत्फ़ से देख कर न तो कर इशारे फ़रेब के
यूँ पलट पलट के न बात कर न यहाँ से जा मिरे साइयाँ
68201 viewsghazalHindi