मिरे ज़िम्मे तिरे घर की निज़ामत है
By swati-sani-reshamFebruary 29, 2024
मिरे ज़िम्मे तिरे घर की निज़ामत है
ये चाहत की अदा तेरी क़यामत है
सफ़र से थक के आने पर मिली तस्कीं
ये देखा जब कि मेरा घर सलामत है
शिकायत क्यों करो नाकारा बैठे हो
कि सुस्ती मौत ही की तो 'अलामत है
शिकायत है शिकायत है शिकायत है
मिरी हर बात पर तुम को मलामत है
बड़ी मुश्किल से खुलते हैं ये दरवाज़े
मिरे दिल के किवाड़ों में क़दामत है
ये चाहत की अदा तेरी क़यामत है
सफ़र से थक के आने पर मिली तस्कीं
ये देखा जब कि मेरा घर सलामत है
शिकायत क्यों करो नाकारा बैठे हो
कि सुस्ती मौत ही की तो 'अलामत है
शिकायत है शिकायत है शिकायत है
मिरी हर बात पर तुम को मलामत है
बड़ी मुश्किल से खुलते हैं ये दरवाज़े
मिरे दिल के किवाड़ों में क़दामत है
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